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“18 साल का इंतज़ार: क्या विराट कोहली को मिलेगी उनकी पहली IPL ट्रॉफी?”

विराट कोहली ने एबी डिविलियर्स से कहा ‘ई-साला कप नामदे’

36 साल के विराट कोहली इस बार सिर्फ ट्रॉफी के लिए एक और बेताब कोशिश नहीं कर रहे हैं। बल्कि खुद पर बने दबाव के कोहरे से बाहर निकलकर, वो किस्मत को आमंत्रण दे रहे हैं कि वह इस बार IPL का सबसे बड़ा सपना उन्हें सौंप दे।

कुछ साल पहले, जब RCB की महिला टीम का पहला सीज़न बेहद खराब रहा, तब एक बैठक में विराट कोहली ने उनसे सिर्फ तसल्ली भरे लफ़्ज़ नहीं कहे, बल्कि खुद की नाकामियों, असुरक्षाओं और आईपीएल ट्रॉफी के लिए अपने लंबे इंतज़ार की सच्ची कहानियां भी साझा कीं।

उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा था, “अगर हम ट्रॉफी नहीं भी जीतते, तो मैं ये सोचकर नहीं मरूंगा कि काश IPL जीत जाता तो ज़िंदगी पूरी हो जाती। ऐसा नहीं होता यार!”

वो यहीं नहीं रुके। “मुझे खुद को बार-बार याद दिलाना पड़ता है, यहां तक कि जूनियर खिलाड़ी भी मुझे आइना दिखाते हैं। मैं दबाव में रहा हूं, असुरक्षित महसूस किया है, अपनी परफॉर्मेंस बचाने की कोशिश की है, ये सोचता रहा हूं कि ‘मैं विराट कोहली हूं, मुझे हर मैच में रन बनाने हैं, आउट नहीं हो सकता।’ और फिर कोई युवा खिलाड़ी आकर पूछता है कि वो शॉट क्यों नहीं मारा? और मैं सोचता हूं – सही तो कह रहे हैं।”

“मैं ‘मैं, मैं, मैं’ में इतना उलझ गया था कि खेलना ही भूल गया था। असल बात तो बस यही है – खेल को सरल रखो।”

IPL के जानकारों के लिए विराट कोहली की ये बातें चौंकाने वाली नहीं थीं। खासकर वो दौर जब वो “आउट नहीं हो सकता” वाले दबाव में फंस जाते थे। लेकिन पिछले कुछ सालों में उन्होंने इस सोच को तोड़ने की पूरी कोशिश की है। पावरप्ले में खुलकर खेले, रिस्क लिए, ये सोचे बिना कि अगर आउट हो गया तो क्या होगा।

हालांकि उन्होंने AB डिविलियर्स से कहा था कि “Ee Sala Cup Namde” (इस बार कप अपना है) न कहें, पर वो खुद ट्रॉफी की उम्मीद से पीछे नहीं हटे। IPL के इस 18वें सीज़न में जब उन्होंने अपने जर्सी नंबर 18 से इसका जुड़ाव बताया, तो आखिर में लक के लिए टेबल भी थपथपाई – “टच वुड।”

उनकी उम्र, 18 साल का इंतज़ार, और इंटरनेशनल T20 व टेस्ट से संभावित संन्यास की अफवाहों के चलते इस बार फैंस की हमदर्दी भी उनके साथ है। कप्तान रजत पाटीदार ने भी कहा, “हम ये ट्रॉफी उनके लिए जीतना चाहेंगे। उन्होंने भारत और RCB के लिए जो किया है, वो अविश्वसनीय है।”

इस बार कोहली अपने इमोशंस को बेहद संतुलित ढंग से हैंडल कर रहे हैं। विकेट गिरते ही जोश में चिल्लाना अभी भी है, लेकिन जब विरोधी खिलाड़ी उकसाते हैं, तो वो मुस्कुराकर जवाब दे देते हैं। जैसे जब दिग्वेश राठी ने उन्हें गेंद नहीं फेंकी, तब कोहली ने बस बल्ले पर झुककर मुस्कुरा दिया।

हालांकि, कुछ मौकों पर वो खुलकर जश्न भी मनाते दिखे हैं – जैसे श्रेयस अय्यर को देखकर गुस्से में मुट्ठियां तानना, जब पिछली हार के बाद अय्यर ने भीड़ की तरफ ‘अब क्या बोलोगे’ वाला इशारा किया था। दिल्ली में एक मैच में उन्होंने KL राहुल से भी मज़ाक किया, कि अगर अंत तक आउट नहीं होते तो वो भी राहुल जैसा “ये मैदान मेरा है” वाला जश्न मनाते।

अब देखना ये है कि मंगलवार को होने वाले IPL फाइनल में विराट कोहली का बल्ला कैसा चलता है। बड़े ICC टूर्नामेंट्स में उनका हालिया रिकॉर्ड उतना शानदार नहीं रहा, लेकिन पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में उन्होंने 76 रन बनाकर ट्रॉफी जिताने में अहम रोल निभाया था।

लेकिन इसी साल मार्च की चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में वो सिर्फ 1 रन पर आउट हो गए थे। IPL फाइनल्स में भी उनका प्रदर्शन मिला-जुला रहा है।

RCB महिला टीम से बातचीत में उन्होंने कहा था, “जब 2021 में मेरी कप्तानी खत्म हुई, तब मैं खुद को बिल्कुल खाली महसूस कर रहा था। लगा अब मुझसे नहीं होगा। लेकिन अगले सीजन में नए लोग आए, नया जोश आया और हमने लगातार 3 बार प्लेऑफ में जगह बनाई… और अब फिर से मुझे वो जुनून महसूस हो रहा है।”

अब रजत पाटीदार की कप्तानी और एंडी फ्लावर की कोचिंग में विराट कोहली के पास एक और मौका है, अपनी किस्मत को बदलने का। इस सीजन में जितेश शर्मा, फिल सॉल्ट और रोमारियो शेफर्ड जैसे खिलाड़ियों ने अपना रोल बखूबी निभाया, ताकि विराट कोहली वो मुख्य भूमिका निभा सकें – अपने अंदाज़ और रफ्तार से।

अब सवाल ये है — क्या विराट कोहली का 18 साल का इंतज़ार खत्म होगा? या फिर श्रेयस अय्यर, पंजाब किंग्स को उनकी अपनी 18 साल पुरानी ट्रॉफी की प्यास से छुटकारा दिलाएंगे?

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