शशि थरूर की पाकिस्तान को चेतावनी: “भारत की सहनशीलता की परीक्षा न लें”| आतंकवाद पर सख्त रुख

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शशि थरूर की पाकिस्तान को चेतावनी

शांति की अपील के साथ-साथ उकसावे पर सख्त चेतावनी देते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में युवाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भारत की संयमित लेकिन दृढ़ प्रतिक्रिया पर बात की। उन्होंने कहा कि भारत ने धैर्य दिखाया, लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया कि सीमा पार आतंकवाद के मामले में उसकी सहनशीलता की एक सीमा है।

“हमें लगा कि हमारे पास जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था,” थरूर ने कहा। साथ ही यह भी जोड़ा कि भारत ने हमले के बाद वैश्विक समुदाय से समझदारी और एकजुटता की मांग की।

भारत के विकास और प्रगति पर जोर देते हुए उन्होंने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी:
“अगर उन्होंने (पाकिस्तान) फिर ऐसा होने दिया, या इसे उकसाया और सीधे निर्देशित किया — जैसा कि इस बार हुआ लगता है — तो हम करारा जवाब देंगे। बहुत ज़ोरदार जवाब देंगे… हमारी सहनशीलता को हल्के में न लें।”

शशि थरूर ने यह भी कहा कि भारत का ध्यान आर्थिक विकास पर केंद्रित है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाया जा सके।
“हम नहीं चाहते कि हमारा समय ऐसी चीज़ों में बर्बाद हो,” उन्होंने कहा।

“लेकिन जब इस तरह की हरकतें हमारे साथ की जाती हैं, और वो भी बेहद नकारात्मक इरादों से, तो हमें दिखाना होगा कि हम किसी को भी सीमा पार करके हमारे नागरिकों को बेधड़क मारने की छूट नहीं देंगे,” शशि थरूर ने कहा।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे आतंकी हमलों की एक कीमत चुकानी होगी, और अगर पाकिस्तान इस तरह के हमलों को उकसाता या संचालित करता रहा, तो भारत कड़ा जवाब देगा।

जब एक सवाल पूछा गया कि क्या किसी देश ने पाकिस्तान की संलिप्तता के सबूत मांगे हैं, तो शशि थरूर ने कहा कि भारत के पास ठोस सबूत हैं, लेकिन किसी भी देश ने औपचारिक रूप से ऐसे सबूत की मांग नहीं की।

थरूर ने पाकिस्तान की भूमिका पर तीन अहम टिप्पणियां साझा कीं:

पहली बात:

उन्होंने पाकिस्तान के इतिहास की बात करते हुए कहा कि वह हमेशा आतंकवादी हमलों में शामिल रहने के बावजूद इंकार करता आया है। उन्होंने मुंबई हमलों और ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में छिपे होने का उदाहरण दिया।
“पाकिस्तान तब तक इनकार करता है जब तक कि उसे रंगे हाथों न पकड़ा जाए,” थरूर ने कहा।

दूसरी बात:

थरूर ने बताया कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने दो बार ली और फिर बयान को वापस ले लिया।
“लेकिन तथ्य यह है कि जिम्मेदारी लेने का दावा रिकॉर्ड पर है और पूरी दुनिया ने उसे देखा है।”

तीसरी बात:

उन्होंने बताया कि जब जवाबी हमले किए गए और जैश-ए-मोहम्मद तथा लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के आतंकवादियों के अंतिम संस्कार हुए, तो सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें सामने आईं जिनमें पाकिस्तानी जनरल्स और पुलिस अधिकारी इन अंतिम संस्कारों में शामिल दिखे।

अंत में थरूर ने कहा कि भारत कोई ऐसा देश नहीं है जो बिना ठोस आधार के सैन्य कार्रवाई करता हो।
“सरकार के अनुसार, पिछले एक साल में पाकिस्तान से 24 आतंकी हमले हुए, लेकिन किसी में इतनी तीव्र प्रतिक्रिया की आवश्यकता नहीं पड़ी थी,” उन्होंने कहा।

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