तमिलनाडु में एक प्रेम विवाह विवाद एक बड़ा आपराधिक मामला बन गया है। एडीजीपी एचएम जयराम को मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर गिरफ्तार किया गया है। साथ ही अदालत ने विधायक पूवाई जगन मूर्ती को भी पुलिस जांच में शामिल होने का आदेश दिया है। जज ने विधायक से साफ कहा, “आपको पुलिस जांच से घबराने की जरूरत नहीं है। एक जन प्रतिनिधि होने के नाते आपको उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए, न की ‘कंगारू कोर्ट’ जैसा काम करना चाहिए।”
क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि यह मामला 22 वर्षीय युवक और एक युवती की शादी से सम्बन्धित है, जिसका लड़की के पिता वनराजा ने विरोध किया था। वनराजा नहीं चाहते थे कि यह विवाह होगा, इसलिए उन्होंने कथित तौर पर महास्वरी नाम की एक पूर्व पुलिस कॉन्स्टेबल से संपर्क किया। महास्वरी पहले पुलिस बल का हिस्सा थीं, पर बाद में उन्हें निलंबित किया गया था।
बताता किया गया है कि महास्वरी ने एडीजीपी जयराम की मदद मांगी, जिसने बाद में विधायक जगन मूर्ती का सहारा लिया।
जब दूल्हे का पता नहीं चला, तो विधायक के लोगों ने कथित तौर पर उसके 16 वर्षीय छोटे भाई का अपहरण किया। बाद में, मां की पुलिस से शिकायत पर नाबालिग को छोड़ दिया गया। फिर भी, बाद में एक चौंकाने वाली घटना घटी, जिसने सबको हैरान किया।
अपहरण मामले में हुआ बड़ा लेनदेन
जांच अधिकारियों ने बताया है कि नाबालिग को एडीजीपी जयराम की कार में ले जया गया था। कार एक पुलिस कॉन्स्टेबल चला रहा था, जबकि महास्वरी और वनराजा भी साथ थे। पुलिस का आरोप है कि इस अपहरण मामले में भारी धनराशि का लेनदेन किया गया था।
जब दूल्हे का पता नहीं चला, तो विधायक के लोगों ने फिर उसके 16 वर्षीय छोटे भाई का अपहरण किया था। पुलिस ने मां की शिकायत पर नाबालिग को छोड़ दिया, पर बाद में एक चौंकाने वाली घटना घटी — पुलिस का कहना है कि इस दौरान भारी धनराशि का आदान-प्रदान किया गया था।