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मई में GST Collection 16.4% बढ़कर ₹2.01 लाख करोड़ पहुंचा

GST Collection increase by 26.4%

मई 2025 में सकल वस्तु एवं सेवा कर GST Collection 16.4% की सालाना बढ़ोतरी के साथ ₹2.01 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। यह आंकड़े सरकार ने रविवार को जारी किए। हालांकि यह अप्रैल के रिकॉर्ड ₹2.37 लाख करोड़ से कम है, लेकिन मई में वृद्धि दर अधिक रही — अप्रैल में वृद्धि 12.6% थी, जबकि मई में यह 16.4% रही।

जहां अप्रैल में GST Collection साल के अंत में हुई खरीदारी की वजह से बढ़ा था, वहीं मई में घरेलू स्तर पर थोड़ी गिरावट देखने को मिली। आयात से प्राप्त GST Collection मई में सालाना आधार पर 25.2% बढ़कर ₹51,266 करोड़ हो गया, जो अप्रैल में ₹46,913 करोड़ था। घरेलू स्तर पर, GST Collection मई में 13.7% बढ़कर ₹1.50 लाख करोड़ रहा, जबकि अप्रैल में यह ₹1.90 लाख करोड़ था। कुल मिलाकर, नेट GST Collection मई में 20.4% की वृद्धि के साथ ₹1.74 लाख करोड़ रहा।

विशेषज्ञों का मानना है कि 16% से अधिक की यह सालाना वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिर सुधार का संकेत है।

विशेषज्ञों की राय:

KPMG के अप्रत्यक्ष कर प्रमुख और पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा, “पिछले महीने की बढ़त साल के अंत की बहीखातों की वजह से अपेक्षित थी। लेकिन इस बार भी 16% से अधिक की सालाना वृद्धि यह दिखाती है कि अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी हुई है।”

EY इंडिया के टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा, “मई के संग्रह में पिछले महीने की तुलना में 15% की गिरावट देखी गई है। घरेलू स्तर पर संग्रह लगभग 21% घटा है, जो यह संकेत देता है कि उपभोक्ताओं की खरीदारी में कुछ बदलाव हो सकता है। संभव है कि वैश्विक अस्थिरता का असर दिखने लगा हो। साथ ही, निर्यात रिफंड में भी 36.25% की गिरावट आई है, जिससे संकेत मिलता है कि पिछले महीने के निर्यात ज्यादातर अमेरिका में स्टॉक बढ़ाने के लिए किए गए थे।”
अप्रैल में घरेलू रिफंड 22.4% बढ़कर ₹13,386 करोड़ और आयात पर रिफंड 86.1% बढ़कर ₹13,955 करोड़ रहा था।

राज्यवार प्रदर्शन:

कुल 38 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 20 ने राष्ट्रीय औसत 16.4% से अधिक की वृद्धि दर्ज की।

वहीं कुछ राज्यों में गिरावट दर्ज की गई:

विश्लेषण की ज़रूरत:

Deloitte इंडिया के पार्टनर एमएस मणि ने कहा, “राज्यवार GST Collection में अंतर इस ओर इशारा करता है कि क्षेत्रीय और मौसमी कारकों की वजह से यह असमानता बनी हुई है। कुछ बड़े राज्यों में 17% से 25% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि कुछ में बहुत कम या नकारात्मक वृद्धि देखने को मिली है। इसकी गहराई से जांच जरूरी है।”

संग्रह का ब्योरा (मई 2025):

डिस्क्लेमर:

यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सरकारी आंकड़ों और विशेषज्ञों की टिप्पणियों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है और किसी वित्तीय या कानूनी सलाह के रूप में नहीं ली जानी चाहिए। कृपया किसी भी निर्णय से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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