हरियाणा बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2025: 18 स्कूलों में एक भी छात्र पास नहीं! जानें पूरी रिपोर्ट
HBSE Result 2025:हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (HBSE) ने कक्षा 12वीं के परीक्षा परिणाम 13 मई 2025 को घोषित किए। इस बार राज्यभर में कुल 85.66% छात्र पास हुए हैं, जो एक सराहनीय आंकड़ा है। लेकिन इसी बीच एक बेहद चौंकाने वाला ट्रेंड भी सामने आया है – हरियाणा के 18 स्कूलों में एक भी छात्र पास नहीं हो पाया है।
0% रिजल्ट वाले स्कूलों की लिस्ट से मचा हड़कंप
HBSE ने खराब प्रदर्शन करने वाले 100 स्कूलों की एक सूची तैयार की है, जिसमें सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के स्कूल शामिल हैं। यह लिस्ट शिक्षा निदेशालय को भेजी गई है ताकि इन संस्थानों की जांच की जा सके और सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।
बोर्ड के चेयरमैन डॉ. पवन कुमार के अनुसार, “एक स्कूल में 13 छात्र परीक्षा में बैठे थे, लेकिन एक भी पास नहीं हुआ। कई अन्य स्कूलों में केवल 1 या 2 छात्र परीक्षा में शामिल हुए, और नतीजे बहुत निराशाजनक रहे।”
जिलेवार रिपोर्ट: कौन कहां खड़ा है?
- कुछ स्कूल 35% पासिंग मार्क भी पार नहीं कर सके।
- 18 स्कूलों ने 0% पासिंग दर्ज किया।
- इन नतीजों ने राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की नींद उड़ा दी है।
अब क्या होगा? शिक्षा विभाग के संभावित एक्शन
HBSE ने इन स्कूलों के शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। साथ ही एक विस्तृत रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को भी भेज दी गई है।
डॉ. पवन कुमार ने बताया कि सुधार के लिए निम्नलिखित कदम बेहद ज़रूरी हैं:
- शिक्षकों की अनिवार्य ट्रेनिंग
- छात्रों के लिए इंटरैक्टिव लर्निंग प्रोग्राम्स
- अभिभावकों से सीधी बातचीत ताकि कमज़ोर प्रदर्शन के असली कारण समझे जा सकें
उन्होंने कहा,
“शिक्षकों को सिर्फ पढ़ाना ही नहीं, बल्कि छात्रों की समस्याओं को समझना भी होगा।”
HBSE Result 2025: अच्छा प्रदर्शन
जहां 12वीं में कुछ स्कूलों ने निराश किया, वहीं कक्षा 10वीं के रिजल्ट ने राहत दी।
इस साल 10वीं में:
- 2,71,499 छात्र परीक्षा में शामिल हुए
- 2,51,110 छात्र पास हुए
- पास प्रतिशत रहा 92.49%
- परीक्षा का आयोजन 28 फरवरी से 19 मार्च 2025 के बीच हुआ था
निष्कर्ष
हरियाणा बोर्ड का रिजल्ट एक तरफ जहां सफलता की कहानी कहता है, वहीं कुछ स्कूलों के नतीजे यह इशारा कर रहे हैं कि शिक्षा व्यवस्था में कहीं न कहीं गंभीर सुधार की ज़रूरत है। अब देखना यह है कि राज्य सरकार और शिक्षा विभाग इन कमजोर कड़ियों को कैसे मज़बूत करता है।
आप भी अपनी राय नीचे कमेंट में ज़रूर साझा करें: क्या शिक्षकों की ट्रेनिंग और पैरेंट्स की भागीदारी इस समस्या का हल हो सकती है?