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G-7 समिट: पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता को लेकर G-7 ने दोहराई प्रतिबद्धता, ईरान ने की आलोचना

G-7

जी-7 ने पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्धता दोहराई

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के G-7 समिट को बीच में छोड़कर अचानक लौटने के बाद, बाकी छह देशों के नेताओं ने समिट के अंतिम दिन कई उच्च स्तरीय बैठकों में यह दिखाने की कोशिश की कि ट्रंप की गैरमौजूदगी के बावजूद यह समृद्ध देशों का समूह अब भी वैश्विक घटनाओं को आकार देने की क्षमता रखता है।

इस समिट में G-7 देशों ने इज़राइल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया और पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपनी Commitment दोहराई। इसके साथ ही उन्होंने ईरान को क्षेत्र में अस्थिरता और आतंकवाद का मुख्य स्रोत बताया।

नागरिकों की सुरक्षा पर विशेष ज़ोर

G-7 नेताओं ने इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें नागरिकों की सुरक्षा को सर्वप्रधान बताया गया। नेताओं ने उम्मीद जताई कि ग़ज़ा में संघर्षविराम और ईरान संकट के समाधान की कोशिशें पूरे पश्चिम एशिया में तनाव को कम करने में मदद करेंगी।

इज़राइल-ईरान के बीच टकराव कम करने की ज़रूरत

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि पश्चिम एशिया में तनाव को तुरंत कम करना जरूरी है। उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर फिर से बातचीत शुरू करने का भी आह्वान किया। समिट के दौरान मैक्रों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी सहित कई नेताओं से मुलाकात की। इन बैठकों में मुख्य रूप से मिडिल ईस्ट की अस्थिर स्थिति, यूक्रेन युद्ध और रक्षा, ऊर्जा तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई।

ब्रिटेन ने रूस पर लगाए नए प्रतिबंध

मैक्रों ने कहा कि रूस पर दबाव डालने और यूक्रेन में संघर्षविराम सुनिश्चित करने के लिए भी विचार-विमर्श हुआ। ब्रिटेन ने मंगलवार को यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की। सरकार की वेबसाइट पर जारी नोटिस के अनुसार, इन प्रतिबंधों में चार व्यक्तियों, छह संस्थाओं और 20 जहाजों को शामिल किया गया है, जिनमें तेल टैंकर, मरीन कंपनियां और इलेक्ट्रॉनिक सामान आपूर्तिकर्ता शामिल हैं।

रूस पर अब तक 2300 प्रतिबंध

ब्रिटेन वर्ष 2022 में यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से अब तक 2300 से अधिक व्यक्तियों, संस्थाओं और जहाजों पर प्रतिबंध लगा चुका है।

रूस को G-8 से बाहर निकालना बड़ी गलती: ट्रंप और पेसकोव

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि ट्रंप का यह कहना सही है कि वर्ष 2014 में रूस को G-8 से बाहर निकालना एक बड़ी गलती थी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि G-7 अब रूस के लिए कोई मायने नहीं रखता।
डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा था कि अगर 2014 में क्रीमिया को कब्जा करने के बाद रूस को G-8 से बाहर न निकाला गया होता, तो वह 2022 में यूक्रेन पर हमला न करता।

ईरान ने G-7 नेताओं की आलोचना की

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाकेई ने G-7 नेताओं की इज़राइल के प्रति समर्थन को “घोर आक्रामकता और गैरकानूनी हमलों” का समर्थन बताते हुए आलोचना की। उन्होंने कहा कि संयुक्त बयान में ईरान को क्षेत्रीय अस्थिरता और आतंक का मुख्य स्रोत बताना पूरी तरह अनुचित है।

G-7 नेताओं ने अपने बयान में ज़ोर दिया कि ईरान को कभी भी परमाणु हथियार विकसित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने सभी पक्षों से तनाव कम करने और ग़ज़ा में संघर्षविराम की दिशा में कदम उठाने का अनुरोध किया।

ईरान का आरोप – इज़राइल ने किया हमला

ईरान के प्रवक्ता बाकेई ने दावा किया कि इज़राइल ने बिना उकसावे के ईरान पर आक्रमण किया और उसके परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2(4) का उल्लंघन है।

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