सिर्फ सैलरी में नहीं, इन 6 से ज्यादा मामलों में भी कटता है TDS, ITR फाइल करने से पहले जरूर पढ़ें ये जानकारी

0
TDS/ITR 2025

नई दिल्ली। अगर आप आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग 2025 करने जा रहे हैं, तो टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) की जानकारी होना बहुत जरूरी है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि TDS क्या होता है, किन मामलों में कटता है, TDS फाइल करने के क्या नियम हैं और अगर नियम नहीं माने गए तो क्या नुकसान हो सकता है।

TDS क्या है?

जब कोई व्यक्ति, संस्था या कंपनी किसी को भुगतान करती है (जैसे सैलरी, किराया, कमीशन आदि), तो एक तय सीमा से अधिक भुगतान पर पहले टैक्स काटकर भुगतान करने का नियम है। इसे ही TDS कहा जाता है।

जिस व्यक्ति या संस्था द्वारा TDS काटा जाता है, उसे वह टैक्स राशि सरकार के पास जमा करनी होती है। बाद में जब आप ITR फाइल करते हैं, तो यह TDS आपकी टैक्स देनदारी में एडजस्ट हो जाता है।

TDS किन मामलों में कटता है?

TDS निम्नलिखित प्रकार के भुगतान पर कटता है:

  • सैलरी (धारा 192)
  • ब्याज (धारा 194A)
  • किराया (धारा 194I)
  • प्रोफेशनल फीस (धारा 194J)
  • कमीशन या ब्रोकरेज (धारा 194H)
  • संपत्ति की खरीद-बिक्री (धारा 194IA)
  • डिविडेंड (धारा 194)

अगर TDS आपकी सैलरी से कटता है, तो कंपनी आपको फॉर्म 16 देती है। सैलरी के अलावा किसी भी भुगतान के लिए फॉर्म 16A दिया जाता है।

TDS की जानकारी कहां देखें?

जिस व्यक्ति का TDS कटा है, वह इसकी जानकारी फॉर्म 26AS या AIS (Annual Information Statement) में देख सकता है। जब आप ITR फाइल करते हैं, तो यह TDS आपकी टैक्स देनदारी में एडजस्ट हो जाता है।

हर तिमाही में TDS जमा करना जरूरी

जिस व्यक्ति या संस्था ने TDS काटा है, उसके लिए यह जरूरी है कि वह हर तिमाही TDS रिटर्न फाइल करे। इसके लिए फॉर्म 24Q, 26Q आदि का उपयोग किया जाता है।

अगर TDS काटने वाला व्यक्ति समय पर टैक्स नहीं जमा करता या देरी करता है, तो धारा 234E के तहत जुर्माना लगाया जा सकता है।

TDS की कटौती कितनी होती है?

TDS की दर इस पर निर्भर करती है कि किस प्रकार का भुगतान हो रहा है और किसे किया जा रहा है। व्यक्ति और संस्था के लिए TDS की दर अलग-अलग होती है।

उदाहरण के लिए, अगर कंपनी आपको सैलरी दे रही है, तो आपकी सालाना इनकम के अनुसार टैक्स कटेगा। लेकिन अगर आपने PAN नहीं दिया है, तो TDS 20% या उससे अधिक दर पर कटेगा।

Nil TDS Deduction का विकल्प भी है

अगर आपकी कुल टैक्स देनदारी, कटे गए TDS से कम है, तो आप सेक्शन 197 के तहत कम या शून्य TDS कटौती के लिए आवेदन कर सकते हैं।

अगर आपकी कोई टैक्स देनदारी नहीं बनती और फिर भी TDS कट गया है, तो आप उसका रिफंड (TDS Refund) क्लेम कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर:

इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से दी गई है। शेयर बाजार या टैक्स से जुड़े निर्णय लेने से पहले किसी प्रमाणित टैक्स सलाहकार या वित्तीय सलाहकार की सलाह अवश्य लें। सरकारी नियम समय-समय पर बदल सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *